जेसीबी प्राइज़ फॉर लिटरेचर ने अपने 5वें वर्ष के लिए लॉन्गलिस्ट की घोषणा की

जेसीबी प्राइज़ फॉर लिटरेचर ने अपने 5वें वर्ष के लिए लॉन्गलिस्ट की घोषणा की
जेसीबी प्राइज़ फॉर लिटरेचर ने अपने 5वें वर्ष के लिए लॉन्गलिस्ट की घोषणा की

• भारतीय समकालीन कथा साहित्य के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार की 2022 की लॉन्गलिस्ट में छह अनुवाद शामिल हैं
• पुरस्कार के पांच वर्षों में बंगाली और मलयालम के बीचहिंदी, उर्दू और नेपाली अनुवाद पहली बार लॉन्गलिस्ट में शामिल हुए हैं।
• उनके द्वारा दर्शाए गए ऐतिहासिक उपलब्धियांऔर भौगोलिक स्थानों की एक दृढ़ भावना सभी उपन्यासों में प्रमुख है
 
नई दिल्ली : अपने 5वें वर्ष में, जेसीबीप्राइज़ फॉर लिटरेचर 2022 के लिए आज लॉन्गलिस्ट की घोषणा की गई है।
 
दस उपन्यासों की सूची का चयन पांच जजों के एक पैनल द्वारा किया गया था: एएस पन्नीरसेलवन, (अध्यक्ष) पत्रकार और संपादक; अमिताभ बागची, लेखक; राखी बलराम, लेखक और शिक्षाविद; डॉ जे देविका, अनुवादक, इतिहासकार और शिक्षाविद; और जेनिसपरियाट, लेखक।

2022 की लॉन्गलिस्ट में 6 अनुवादों का बोलबाला है। बंगाली और मलयालम शीर्षकों के बीच, उर्दू, हिंदी और नेपाली शीर्षकों को पहली बार लॉन्गलिस्ट में शामिल किया गया है।

2022 की लॉन्गलिस्ट में भारतीय कथा साहित्य का वास्तव में विविध प्रतिनिधित्व किया गया है जिसमें नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, कलिम्पोंग, पंजाब, कोलकाता, केरल और हृदयभूमि से कहानियां सामने लाई गयी हैं।
1 अगस्त 2021 और 31 जुलाई 2022 के बीच प्रकाशित अंग्रेजी सहित आठ भाषाओं में लिखने वाले सोलह राज्यों के लेखकों द्वारा प्रस्तुतियों की एक विशाल श्रृंखला से लॉन्गलिस्ट को चुना गया था।

जेसीबीप्राइज़ फॉर लिटरेचर प्रत्येक वर्ष एक भारतीय लेखक द्वारा उपन्यास के एक विशिष्ट कार्य के लिए प्रदान किया जाता है। जूरी अक्टूबर में पांच शीर्षकों की एक शॉर्टलिस्ट घोषित करेगी। 25 लाख रुपये केजेसीबीप्राइज़ फॉर लिटरेचर के विजेता की घोषणा 19 नवंबर को की जाएगी। यदि विजेता कोई अनुवादित पुस्तक होती है, तो अनुवादक को अतिरिक्त 10 लाख रुपये प्रदान किये जायेंगे। 5 शॉर्टलिस्ट किए गए लेखकों में से प्रत्येक को 1 लाख रुपये मिलेंगे; अगर शॉर्टलिस्ट किया गया काम कोई अनुवादित पुस्तकहै, तो अनुवादक को 50,000 रुपये से पुरस्कृत किया जायेगा।

2022 की लॉन्गलिस्ट है:
 
• रहमान अब्बास की रोहज़िन, सबिका अब्बास नकवी द्वारा उर्दू से अनुवादित (विंटेज बुक्स, 2022)
• मनोरंजन ब्यापारी की  ईमान, अरुणव सिन्हा द्वारा बंगाली से अनुवादित (ईकेए, 2021)
• ममंग दाई की एस्केपिंग द लैंड (स्पीकिंग टाइगर, 2021)
• खालिद जावेद की पैराडाइस ऑफ फूड, बारां फारूकी द्वारा उर्दू से अनुवादित (जुगर्नॉट, 2022)
• चुदेन कबिमो की सोंग ऑफ द सॉयल, अजीत बराल द्वारा नेपाली से अनुवादित (रचना बुक्स, 2021)
• ईस्टराइन कियर की स्पिरिट नाइट्स (साइमन एंड शूस्टर, 2022)
• नवतेज सरना की क्रिमसन स्प्रिंग (एलेफ बुक कंपनी, 2022)
• अनीस सलीम की दि ओड बुक ऑफ बेबी नेम्स (पेंगुइन हामिश हैमिल्टन, 2021)
• गीतांजलि श्री की टोम्ब ऑफ सैंड, डेज़ी रॉकवेल द्वारा हिंदी से अनुवादित (पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया, 2022)
• शीला टोमी की वल्ली, जयश्री कलाथिल द्वारा मलयालम से अनुवादित (हार्परपेरेनियल, 2022)
  
2022 की लॉन्गलिस्ट को पूरी तरह से पढ़ने के अपने अनुभव पर टिप्पणी करते हुए, जूरी के अध्यक्ष एएस पन्नीरसेल्वन ने कहा
 
"2022 की लॉन्गलिस्ट केजेसीबीप्राइज़के लिए उपन्यासों के चयन पर विचार-विमर्श एक समृद्ध अनुभव रहा। यह एक समृद्ध संग्रह था, विभिन्न भाषाओं के अनुवादों ने दिखाया कि कैसे लेखक हमारे जीवन को परिलक्षितकरने के लिए भाषाई और रचनात्मक सीमाओं से आगे बढ़ रहे हैं। ये दस उपन्यास एक तरह से समकालीन भारत के रूपक हैं, जहां प्रत्येक भाषा को चमकने की अनुमति है; इनकी आंतरिक सुंदरता दूसरे से कम नहीं होती है।"

अभी तक के अपने 5 वर्ष में, जेसीबीप्राइज़ फॉर लिटरेचरमें अब तक चार विजेता हो चुके हैं, 2018 का पुरस्कार बेन्यामिन को उनकी जैस्मीन डेज़ के लिए दिया गया था, जिसका मलयालम से अनुवाद शहनाज़ हबीब ने किया था।माधुरी विजय को यह पुरस्कार2019 में द फार फील्ड के लिए दिया गया था। 2020 में एस हरीश को उनकेउपन्यास मुस्टेच के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया था जिसका मलयालम से अनुवाद जयश्री कलाथिल ने किया था,और 2021  में एम मुकुंदन को JCB प्राइज़ पुरस्कार से उनके उपन्यास "दिल्ली: ए सोलिलोकी" के लिए सम्मानित किया गया।
 
जेसीबी प्राइज़ फॉर लिटरेचर को मिले साहित्य जगत से सहयोग और समर्थन की उल्लेखना  करते हुए, साहित्य निदेशक, मीता कपूर ने कहा:
 
“जेसीबीप्राइज़ फॉर लिटरेचरकी लॉन्गलिस्ट की घोषणा करते हुए मैंगर्वित महसूस कर रही हूँ जो अपनी आवाज और कहानी में सशक्त, जोरदार, औरप्रयोगात्मक हैं। प्रत्येक उपन्यास कल्पना की ऊंची उड़ान भरता हुआ कथाकारिता के मूल को प्रति चिन्हित करता है, और साथ-साथ भारतीय परिवेश में भी दृढ़ता से निहित है।हमारी साहित्यिक परंपराओं की नब्ज पकड़ने वाली लॉन्गलिस्ट में शामिल 50 शीर्षकों को चिह्नित करते हुए, पुरस्कार अपने पांचवें वर्ष में प्रवेश कररहा है। यह यात्रा, निश्चित रूप से, उन प्रकाशकों के बिना अधूरी होगी जो इन कहानियों को प्रकाशित करते हैं, ऑनलाइन और ऑफलाइन बुक स्टोर, जो उन्हें एक मंच देते हैं और वेपाठक जो पुस्तकों की काल्पनिक दुनिया से खुद को अवगत कराते हैं। ”

जूरी ने लॉन्गलिस्ट में शामिल दस उपन्यासों पर टिप्पणी की
 
रहमान अब्बास: रोहज़ीन

एक नाटकीय प्रेम कहानी के साथ,यह उपन्यास एक युवा लड़के की एक बड़े शहर में जाने की कहानी है। यह मुंबई के कुछ हिस्सों को प्रस्तुत करता है, जैसे मोहम्मद अली रोड, जो शायद ही कभी अंग्रेजी कथा साहित्य में देखा जाता है। वास्तविक और काल्पनिक, समकालीन और प्राचीन परिवेशबिना किसी बाधा के एक दूसरे में मिश्रित होते हैं और हिंदी सिनेमा के भव्य विषय पृष्ठभूमि में चलते हैं।

 
मनोरंजन ब्यापारी: ईमान

ईमान बंगाली साहित्य की मानवतावादी परंपरा का एक अनोखा उपन्यास साहित्य है। यह कहानी वंचित समुदाय के विषद चित्र को प्रस्तुत करते हुए दृश्यरतिक ना होने की कोशिश है। इस कहानी में प्रत्येक चरित्र वंचित होने के बावजूद अपने परिवेश या परिस्थतियों में बंधा नही हुआ है। यह एक गहरी ओर्र ईमानदार कहानी है जोमार्मिक, वाक्पटु और वास्तविकता के करीब है।

ममंग दाई: एस्केपिंग द लैंड

विस्मयकारी और भावात्मक,एस्केपिंग द लैंड भारत के उत्तर-पूर्वी सीमा पर रहने वालों के जीवन का एक यादगार विवरण है।इस काल्पनिक उपन्यास में यथार्थ से दूर एक ऐसे नायक की विवेचना की गयी है जो असफल होते हुए भी विफलता को स्वीकार कर पता है। यह उपन्यास हर विषय की परिचर्चा एक दुर्लभ परिपक्वकता के साथ करता है जो पन्ने भर पन्ने गहरा होता जाता है ।