डिजिटल मीडिया अब सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन, आदेश तत्काल लागू

आदेश के अनुसार अब ऑनलाइन फिल्मों, ऑडियो-विजुअल कार्यक्रमों और ऑनलाइन समाचार और करेंट अफेयर्स (सम सामयिक) के कंटेट (सामग्री) सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत आएंगे।

डिजिटल मीडिया अब सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन, आदेश तत्काल लागू
डिजिटल मीडिया अब सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन, आदेश तत्काल लागू

नई दिल्ली। देश का डिजिटल मीडिया अब केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्रालय के अधीन आ गया है। केंद्र सरकार ने बुधवार को इस आशय का आदेश जारी कर दिया। इस बारे में फैसला बीते सप्ताह मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था। अब डिजिटल मीडिया भी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन और नियंत्रण में होगा। आदेश के अनुसार अब ऑनलाइन फिल्मों, ऑडियो-विजुअल कार्यक्रमों और ऑनलाइन समाचार और करेंट अफेयर्स (सम सामयिक) के कंटेट (सामग्री) सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत आएंगे। सरकार का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

आदेश के अनुसार ऑनलाइन विषय-वस्तु प्रदाताओं द्वारा उपलब्ध कराए गए फिल्म और दृश्य-श्रव्य कार्यक्रम औरऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर समाचार और समसामयिक विषय-वस्तु सूचना मंत्रालय के अधीन आएंगे। बता दें कि वर्तमान में डिजिटल कंटेंट के नियमन के लिए कोई कानून या फिर स्वायत्त संस्था नहीं है. प्रेस काउंसिल प्रिंट मीडिया के नियमन, न्यूज़ चैनल्‍स के लिए न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन और एडवर्टाइज़िंग के नियमन के लिए एडवर्टाइज़िंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया है. फिल्मों के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन है। 

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने OTT प्लेटफॉर्म्स पर स्वायत्त नियमन की मांग वाली याचिका को लेकर केंद्र की प्रतिक्रिया मांगी थी. शीर्ष अदालत ने इस संबंध में केंद्र सरकार, सूचना व प्रसारण मंत्रालय और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया को नोटिस भेजा था. इस याचिका में कहा गया था कि इन प्लेटफॉर्म्स के चलते फिल्म मेकर्स और आर्टिस्ट्स को सेंसर बोर्ड के डर और सर्टिफिकेशन के बिना अपना कंटेंट रिलीज करने का मौका मिल गया है.

बता दें कि OTT प्लेटफॉर्म्स पर न्यूज़ पोर्टल्स के साथ-साथ Hotstar, Netflix और Amazon Prime Video जैसे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स भी आते हैं. मंत्रालय ने अदालत को एक अन्य केस में बताया था कि डिजिटल मीडिया के नियमन की जरूरत है. मंत्रालय ने यह भी कहा था कोर्ट मीडिया में हेट स्पीच को देखते हुए गाइडलाइंस जारी करने से पहले एमिकस के तौर पर एक समिति की नियुक्ति कर सकता है। पिछले साल सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी जिससे कि मीडिया की स्वतंत्रता पर कोई असर पड़ेगा. हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ फिल्म्स पर जिस तरह का नियमन है, उसी तरह का कुछ नियमन ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर भी होना चाहिए। 

Report: RJ Devanggana